जीवाश्म वैज्ञानिकों ने पूर्व ऐतिहासिक कालीन तीन कुत्तों के अवशेषों की खोज की है और उनका दावा है कि यह खोज मानव और कुत्ते के बीच की शुरूआती संबंधों को दर्शाने वाला हो सकता है। रायल बेलजियन इंस्टि्टयूट आफ नेचुरल साइंसेज के नेतृत्व वाले दल का दावा है कि मरने के बाद पुरापाषाणकालिक कुत्तों के दिमागों को भी हटाया गया है जो जानवरों की आत्मा को मुक्त करने की मानवीय कोशिश की ओर संकेत करता है।
दिमाग को हटाने के लिए कुत्तों की खोपडि़यों में छेद किया गया है। इस दल के प्रमुख मितजे गेरमोनपरे ने कहा कि उत्तरी क्षेत्र के बहुत सारे लोगों का मानना है मस्तिष्क में आत्मा का निवास होता है। ऐसे ही लोगों में से कुछ व्यक्तियों ने मरे हुए जानवरो की खोपड़ी में छिद्र किया ताकि उसकी आत्मा मुक्त हो सके। डेली मेल के मुताबिक तीसरे कुत्ते के मुंह में बड़ा हड्डी फंसा हुआ है और उसके बारे में जीवाश्म वैज्ञानिकों का मानना है कि मरने के बाद उसके मुंह में किसी व्यक्ति ने रीति रिवाज के तहत ऐसा किया है।
1 comment:
हुत ही सुन्दर एतिहासिक लेखन...मनु्ष्यों ने अपनी ही तरह जानवरों के कर्म-काण्ड की व्यस्था की होगी...जो स्वभाविक है चेतन मन द्वारा..किन्तु अब तो इन कुत्तों को रोटी और बैठने के कुछ फ़ुट जमीन भी नही देता मनुष्य...क्या यह वही पुराना आदमी है? या....
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