दो सौ साल पुराने भारतीय संग्रहालय को एशिया का सबसे पुराना संग्रहालय माना जाता है। अब इसे आधुनिक बनाने और सजाने संवारने के लिए लंदन के नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम (एनएचएम) के विशेषज्ञों से संपर्क किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य संग्रहालय में रखी चीजों का डिजिटलीकरण करना, योजना तैयार करना और इसे एक आधुनिक शोध केंद्र के रूप में स्थापित करना है। भारतीय संग्रहालय प्राधिकरण के साथ हुई बैठक में एनएचएम के अंतरराष्ट्रीय संपर्क प्रमुख ने ऐसे विचार व्यक्त किए। उन्होंने विज्ञान की गुत्थियों का सार्वजनिक जीवंत प्रदर्शन, विलुप्त प्रजातियों का जीवंत कलात्मक प्रदर्शन जैसे विचार साझा किए।
मालूम हो कि भारतीय संग्रहालय की स्थापना दो फरवरी 1814 में हुई और फिलहाल इसे पुनर्निर्मित करने के पहले चरण की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत इसके सांस्कृतिक विरासत वाले हिस्से को पुनर्निर्मित किया जा रहा है। इसके बाद संग्रहालय के प्राकृतिक इतिहास वाले हिस्से को पुनर्निमित किया जाएगा। भारतीय संग्रहालय और एनएचएम दोनों ही लगभग दो सौ वर्ष पुराने हैं और ऐतिहासिक रूप से कुछ मायनों में जुड़े भी हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक प्राकृतिक इतिहास का दस्तावेजीकरण करते हुए संग्रहालय को ताजातरीन वैज्ञानिक खोजों को भी ध्यान में रखना होगा और उन्हें एक कहानी के रूप में प्रस्तुत करना होगा। एनएचएम में सात करोड़ नमूने संगृहीत हैं और इस मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय है। संग्रहालय के इस विशाल संग्रहण में सूक्ष्मदर्शी से देखे जा सकने वाले बेहद सूक्ष्म जीवों से लेकर कभी पृथ्वी के सबसे विशालकाय स्तनपायी जीव मैमथ (हाथी) का कंकाल भी शामिल है। एनएचएम में 1750 से लेकर बीसवीं सदी तक की तीस हजार महत्वपूर्ण भारतीय कलाकृतियों का संग्रह है, जो बताता है कि ब्रिटिश राज की नजरों में भी भारत के समृद्ध प्राकृतिक इतिहास का क्या महत्व था।
भारतीय संग्रहालय के प्रबंध निदेशक के मुताबिक, दोनों संग्रहालय वैज्ञानिक आदान-प्रदान में भी एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि एनएचएम के पास प्राकृतिक इतिहास के संग्रह का अनुभव विश्व में सबसे ज्यादा है, इसलिए हम विश्व में सबसे अच्छा बनने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। हम अभी केंद्र सरकार से आखिरी अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उनके मुताबिक दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य पर विचार चल रहा है और एनएचएम से मिलने वाले परामर्श के आधार पर हम आगे बढ़ेंगे। (साभार-जनसत्ता )
1 comment:
बहुत रोचक जानकारी...
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