केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर से अब तक मिला खजाना कितने मूल्य का है, यह अभी तक सस्पेंस ही बना है। मीडिया में तहखाने से मिली चीजों की कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा बताई जा रही है। लेकिन केरल के पूर्व मुख्य सचिव सीपी नायर ने दावा किया है कि खजाना करीब पांच लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। ऊपर से नीचे के क्रम में चित्रों के परिचय दिए गए हैं। सभी चित्र सहारा समय से साभार लिए गए हैं। चित्र संख्या 1- केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर से सोने का अब तक का सबसे बड़ा भंडार मिला है. मंदिर से अब तक 1 लाख करोड़ का खजाना मिलने की बात कही जा रही है. फिलहाल खजाने की लिस्ट बनाने का काम जारी है.
चित्र संख्या 2- हिंदुओं के पद्मनाभस्वामी मंदिर में भगवान विष्णु की उपासना होती है. इसके तहखाने में छुपाए गए सोने के खजाने के मिलने के बाद श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर दुनिया का सबसे अमीर धार्मिक स्थल बन गया है.
चित्र संख्या 3- यह मंदिर त्रावणकोर राजाओं के शासनकाल में 1772 में राजा मार्तण्ड वर्मा ने बनवाया था। इस शासन के नियमों के अनुसार मंदिर की संपत्ति पर केंद्र या राज्य सरकार का हक नहीं बनता है.
चित्र संख्या 4- खजाने का पता चलने के बाद से मंदिर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पद्मनाभस्वामी मंदिर के कुल 6 तहखानों में से 5 तहखाने खोले जा चुके हैं. इनमें से सोना, हीरे, जेवरात, मर्तियां और सिक्के मिले हैं. इनकी कीमत लगभग 1 लाख करोड़ आंकी गई है.
चित्र संख्या 5- अब इस बात पर बहस हो रही है कि मंदिर से मिले खजाने को कहां रखा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से खजाने का स्रोत और प्राचीनता का पता लगाने का आदेश दिया है.
चित्र संख्या 6- सरकारी अफसर मंदिर के खजाने की गिनती करने के लिए जा रहे हैं. मंदिर में मिली संपत्ति में भगवान विष्णु की हीरे, पन्ने और रूबी जड़ी 3.5 फुट ऊंची मूर्ति है. इसके अलावा 35 किलों की 18 फुट लंबी एक चेन भी बरामद हुई है. तहखाने में से 1 फुट लंबी एक और मूर्ति भी मिली है.
चित्र संख्या 7- सरकारी अफसर मंदिर के खजाने की गिनती करने के लिए जा रहे हैं. मंदिर में मिली संपत्ति में भगवान विष्णु की हीरे, पन्ने और रूबी जड़ी 3.5 फुट ऊंची मूर्ति है. इसके अलावा 35 किलों की 18 फुट लंबी एक चेन भी बरामद हुई है. तहखाने में से 1 फुट लंबी एक और मूर्ति भी मिली है. राज परिवार के सूत्रों का कहना है कि चेंबर बी के मुख्य द्वार पर सांप का बना होना यह दर्शाता है कि इसे खोलना अशुभ होगा. सूत्रों ने कहा जांच कमेटी भी इसे नहीं खोलेगी क्योंकि इसके साथ मंदिर की काफी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. एक मान्यता के अनुसार चेंबर बी के नीचे एक सुरंग है जो समुद्र तक जाती है. इस बीच मंदिर और इसके आसपास 24 घंटे का पहरा जारी है.